बाबा की प्रेरणा और उनके आशीर्वाद से मैंने भी अपनी अल्प बुद्धि के साथ यह दुस्साहस करने का प्रयास किया है। बाबा की कृपा से जो कुछ प्राप्त हो सका वह आपके समक्ष है। इस पुस्तक की एक-एक शब्द साई प्रेरणा से लिखी गई है, जो मेरी बुद्धि और सामर्थ्य से परे है। इस किताब को लिखने का श्रेय श्री साईनाथ को ही है, मुझे नहीं।.